अब डर डर कर जीना सीख लो
अब आंसू पीना सीख लो
कब फट जाए वाटर बम
कब हो जाए आंखें बंद
कब दरक जाए पहाड़
कब खिसक जाएं सड़कें।
बस ख़बरें सुनो
भगवान को कोसो
और
फिर भूल जाओ सब
करो इंतज़ार
फिर ऐसा होगा कब?
कुदरत को जब छेड़ोगे
ऐसे ही दृश्य देखोगे
कुदरत केस दर्ज नहीं करवाती
कुदरत थाने नहीं जाती
कुदरत सिर्फ
अपनी ताकत दिखाती है।
बहुत बांध लिए पानी की धारा
बहुत डूबोई वन सम्पदा पानी में
व्यवसाय तो चमका होगा इससे
लेकिन मानवता चली गई है हानि में
अब तो संभलो।
....मिलाप सिंह भरमौरी