एक रुपये का सिक्का
उसने झट से जेब से निकाल कर
काउंटर पर रखा
और बडे मासूमियत से बोली
मैंने पैसे दे दिए हैं
आप रहने दो पापा
कितना मासूम होता है बचपन
उनहें क्या पता
कितनी होती है किस चीज की कीमत
एक रुपये के सिक्के से ही
वो खुद को अमीर समझ लेते हैं
कितने ही पवित्र , दिल से बच्चे होते हैं
------ मिलाप सिंह भरमौरी