जब भी
बेटी का जन्मदिन आता है।
पापा खूब खुशियां मनाता है।
क्योंकि
उसे पता है जमाने का
यही समय है
बेटी की खुशियां मनाने का।
पता नहीं फिर ससुराल में
किसी को यह तारीख याद आए
पता नहीं फिर कोई
मेरी नन्ही परी का जन्मदिन मनाए।
........ मिलाप सिंह भरमौरी
जब भी
बेटी का जन्मदिन आता है।
पापा खूब खुशियां मनाता है।
क्योंकि
उसे पता है जमाने का
यही समय है
बेटी की खुशियां मनाने का।
पता नहीं फिर ससुराल में
किसी को यह तारीख याद आए
पता नहीं फिर कोई
मेरी नन्ही परी का जन्मदिन मनाए।
........ मिलाप सिंह भरमौरी
बाहर बर्फ बिछी है हरसू
नन्हे कदमों से सर्दी को हराना है
खतरे बहुत हैं इस मौसम में
फिर भी परीक्षा के लिए जाना है।
सर्दी से नहीं करते हैं हम
सिर्फ बर्फ पर पैर फिसलने से डरते हैं
स्कूल बहुत दूर है घर से
और खाईयों से गुजर कर जाना है।
चुनाब तो करवा लिए पहले
आपने इस मौसम के डर से
नन्हें बच्चों के बारे में भी सोचा होता
बस इसी विषय से अवगत करवाना है।
....... मिलाप सिंह भरमौरी