जब भी
बेटी का जन्मदिन आता है।
पापा खूब खुशियां मनाता है।
क्योंकि
उसे पता है जमाने का
यही समय है
बेटी की खुशियां मनाने का।
पता नहीं फिर ससुराल में
किसी को यह तारीख याद आए
पता नहीं फिर कोई
मेरी नन्ही परी का जन्मदिन मनाए।
........ मिलाप सिंह भरमौरी
No comments:
Post a Comment