Milap Singh Bharmouri

Milap Singh Bharmouri

Sunday, 21 January 2018

परिस्थिति अनुकूल चाहिए

हर परिस्थिति अनुकूल चाहिए।

कपडों पर भी नहीं धूल चाहिए।

पांब के नीचे कोई कांटा न आए

बिस्तर पर भी पडे फूल चाहिए।

मिट्टी को खूब बारिश ने भिगोया 

उगने के लिए अब धूप चाहिए।

कुछ चारों ओर खामोशी सी है

किसी मुद्दे पर फिर तूल चाहिए।

शाखाएं लचीली भी चल जाएंगी

मजबूत मगर बहुत मूल चाहिए।

      ...... मिलाप सिंह भरमौरी

NPS

कर लो ऐश जवानी में

बुढापा तो अँधकारमय है।

एन पी एस में आने वालो

दर दर की ठोकरें खाना तय है।

आधी नौकरी तो कर चुके हो

अपना बैलेंस चैक कर के देखो।

बडी बडी योजनाएं बनाने वालों

कितनी पैंसन मिलेगी सोच के देखो।

हाथ पैर जब साथ छौडेंगे

सिर पर घोर बुढापा छाएेगा।

खाली जेब को देख के फिर

बेटा भी वृद्धाश्रम में छोड के आएगा।

अभी रक्त है अभी वक्त है

अभी से हमको कुछ करना होगा।

चूक गए जो इस वक्त में

तो हर पल बुढापे में मरना होगा।

....... मिलाप सिंह भरमौरी