Milap Singh Bharmouri

Milap Singh Bharmouri

Thursday, 4 October 2018

Diwali

आने वाली दिवाली है
इक मुहिम सी चलने वाली है
पटाखे हटाओ
हमें प्रदूषण से बचाओ।

बुरी नहीं है बात
सौ फीसद सच ही कहते हैं
चलते हुए पटाखे
प्रदूषण पैदा करते हैं।

पर यह बात बुरी
तब बन जाती है
जब सामने से
उपदेशक की ए सी गाड़ी आती है।

दिन रात चलते हैं
उसके घर दो तीन ए सी
जो बना फिरता है
ग्लोबल वार्मिंग का उपदेशी।

उसकी करनी और कथनी में
फर्क नजर आता है
पेशाब करने के लिए भी
वह मोटरसाइकिल से जाता है।

छोड़ो उसकी बात
उसकी बातों में न आऊंगा
साइकिल चलाता हूँ प्रकृति की खातिर
तो दिवाली भी मिट्टी के दीयों से ही मनाऊँगा।

......मिलाप सिंह भरमौरी

पेट्रोल



न चलाई है मोटरसाइकिल

और न चलाएंगे कभी

कोई फर्क नहीं पड़ता अगर

पेट्रोल 200 रुपये लीटर भी हो जाए अभी

सस्ती मिल रही हैं सब्जियां

सस्ता मिल रहा है अनाज

दो चार किलोमीटर के लिए तो

भाई अपनी ट्यूबलेस साइकिल जिंदाबाद

न कोई पंचर न कोई खटपट

उतर गई चेन तो लगा ली झटपट

सस्ता है बसों का किराया

बड़ी मस्त लगती है ट्रेनों की खटखट।

कोई फर्क नहीं पड़ेगा भाई अगर

आप मोटर गाड़ी न चलाएंगे 

फायदे ही हैं इससे बहुत

प्रकृति को प्रदूषण से बचा पाएंगे।

आज से तुम मानवता के लिए 

यह उपकार करो

साइकिल को उठाओ चलाने के लिए

पेट्रोल डीजल से चलने वाली

गाड़ियों का बहिष्कार करो।

........मिलाप सिंह भरमौरी