आने वाली दिवाली है
इक मुहिम सी चलने वाली है
पटाखे हटाओ
हमें प्रदूषण से बचाओ।
बुरी नहीं है बात
सौ फीसद सच ही कहते हैं
चलते हुए पटाखे
प्रदूषण पैदा करते हैं।
पर यह बात बुरी
तब बन जाती है
जब सामने से
उपदेशक की ए सी गाड़ी आती है।
दिन रात चलते हैं
उसके घर दो तीन ए सी
जो बना फिरता है
ग्लोबल वार्मिंग का उपदेशी।
उसकी करनी और कथनी में
फर्क नजर आता है
पेशाब करने के लिए भी
वह मोटरसाइकिल से जाता है।
छोड़ो उसकी बात
उसकी बातों में न आऊंगा
साइकिल चलाता हूँ प्रकृति की खातिर
तो दिवाली भी मिट्टी के दीयों से ही मनाऊँगा।
......मिलाप सिंह भरमौरी
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