शिक्षा नीति और अर्थव्यवस्था
-----------------------
जिस देश के लोगों के पास
करन्सी नोटों के ढेर पड़े हों
फिर भी वे सामान्य प्रयोग की
वस्तुएं नहीं खरीद पा रहे हों
तो समझ लो कि उस देश की
अर्थव्यवस्था चरमरा चुकी है।
उसी प्रकार जिस देश के नागरिकों
के पास स्नातक और स्नातकोत्तर
डिग्रियों के ढेर पड़े हों
लेकिन नोकरी आठवीं पास वाली
भी नहीं मिल पा रही हो
तो समझ लो उस देश की
शिक्षा नीति चरमरा चुकी है।
...... मिलाप सिंह भरमौरी