सरकारीकरण और निजीकरण
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सरकारी क्या है
क्या आता है यह शब्द सुनकर
आपके जहन में
25 रुपये में 125 किलोमीटर
का सफर
सरकारी है
सरकारी पैसेंजर ट्रेन में।
और निजीकरण
खुद चढ़कर देखना
कितना किराया लगता है
किसी लाले की
चारपहिया गाड़ी में।
सरकारी क्या है
10 रुपये फीस लगती है
सरकारी स्कूल में
निजीकरण क्या है
हजारों की फीस लगती है
निजी पूंजीपतियों के स्कूल में।
सरकारी क्या है
एक रुपये की पर्ची
सरकारी अस्पताल में
निजीकरण क्या है
पांच सात हजार जेब में न हो
तो कदम भी मत रखना
निजी अस्पताल में।
सरकारी का लक्ष्य है
आम जनता को सुबिधायें देना
और निजीकरण का लक्ष्य होता है
ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाना
तो खुद ही बताओ
किसको बढ़ावा देना चाहिए
सरकारीकरण को या निजीकरण को??
....... मिलाप सिंह भरमौरी
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