Milap Singh Bharmouri

Milap Singh Bharmouri

Wednesday, 18 March 2015

सोनोग्राफी

जल जाने से अच्छा है
सड जाना ।
उससे भी अच्छा है
जंगली जानवरों का
निवाला बन जाना ।

किसी का तो पेट भरेगा
तृप्त हो जाएगा रूह तक ।
चाव से चवाएगा हड्डियाँ
अगले दो पैरों से पकडकर ।

चलो किसी के काम तो आएगा
यह मृत निश्चल शरीर ।
क्यों रहता है मानव तू
अंतकर्म के लिए अधीर ।

इक अदृश्य क्रिया के कारण
क्या क्या करता फिरता मानव ।
रख कल गिरवी इंसानियत को
बन जाता है पूरे का पूरा दानव ।

---- मिलाप सिंह भरमौरी

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