अगर साथ नहीं है कोई
तो अकेले ही चलते रहिए।
इक दिन मंजिल मिल जाएगी जरूर
बस प्रयास करते रहिए।
मेहनत करने से कोई
कमजोर नहीं हो जाता।
रात के आ जाने से दिन में
अँधेरा घनघोर नहीं हो जाता।
साहस को रखिए रोम रोम में
पर आलस से डरते रहिए।
तेरी मेहनत के पसीने से
कामयावी की फसलें लहराएंगी।
घने अँधेरे को चीर के तल से
खुशहाली की रौशनी आएगी।
फिर चले जाएंगे खुद आकर तुफान
बस उम्मीदों के चिराग जलाते रहिए।
........ मिलाप सिंह भरमौरी
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