बापू और नेहरु ने मिलकर
इक प्यारा सपना देखा था
पढ़े लिखों से भरा हुआ
प्यारा भारत अपना देखा था
लगभग -लगभग उनका सपना
ये पूरा होने वाला है
पर अफ़सोस की बात है
कि
पढ़े लिखों की चीखों से
अब भारत अपना रोने वाला है
हर तरफ है बेरोजगारी है
हर तरफ है बेकारी
पकड़ के सर्टिफिकेट
पछताते है युवक
हर तरफ है लाचारी
कर्ज उठा कर डिग्री पाई
पढ़ाई में उड़ा दी बापू की कमाई
दो चार विगे जो जमीन थी अपनी
वो भी गिरबी रख के गंवाई
उठाई डिग्री चले नौकरी डूंडने
जब कोई जगह न लगी सूझने
देखा हरसूं
सिफारिस को बोल है
हम भी चल दिए मंत्री के पास
सोचा इसमें क्या मोल है
पर देखा वहां पर भी पैसा बोलता था
जेब और मुंह देख कर ही
वह दरबाजा खोलता था
लेकिन मैंने भी ढीठता दिखाई
उसके दरबाजे पर ही सही
पर वहाँ पर जगह पाई
और अपनी सारी कहानी
मंत्री जी को सुनाई
सुनी बात मंत्री जी ने
और बड़े अंदाज से बोले
बेटा जा
और स्वरोजगार अपना ले
ज्यादा नही तो
दूध -सूध की डेरी बना ले
गाये -भैंस का क्या पलना
चारा - भूसा ही तो खाती है
मेरे सवाल पर निरुत्तर थे मंत्री जी
जब पूछा
क्या गाये भैंस मुफ्त में आती है
........मिलाप सिंह भरमौरी
इक प्यारा सपना देखा था
पढ़े लिखों से भरा हुआ
प्यारा भारत अपना देखा था
लगभग -लगभग उनका सपना
ये पूरा होने वाला है
पर अफ़सोस की बात है
कि
पढ़े लिखों की चीखों से
अब भारत अपना रोने वाला है
हर तरफ है बेरोजगारी है
हर तरफ है बेकारी
पकड़ के सर्टिफिकेट
पछताते है युवक
हर तरफ है लाचारी
कर्ज उठा कर डिग्री पाई
पढ़ाई में उड़ा दी बापू की कमाई
दो चार विगे जो जमीन थी अपनी
वो भी गिरबी रख के गंवाई
उठाई डिग्री चले नौकरी डूंडने
जब कोई जगह न लगी सूझने
देखा हरसूं
सिफारिस को बोल है
हम भी चल दिए मंत्री के पास
सोचा इसमें क्या मोल है
पर देखा वहां पर भी पैसा बोलता था
जेब और मुंह देख कर ही
वह दरबाजा खोलता था
लेकिन मैंने भी ढीठता दिखाई
उसके दरबाजे पर ही सही
पर वहाँ पर जगह पाई
और अपनी सारी कहानी
मंत्री जी को सुनाई
सुनी बात मंत्री जी ने
और बड़े अंदाज से बोले
बेटा जा
और स्वरोजगार अपना ले
ज्यादा नही तो
दूध -सूध की डेरी बना ले
गाये -भैंस का क्या पलना
चारा - भूसा ही तो खाती है
मेरे सवाल पर निरुत्तर थे मंत्री जी
जब पूछा
क्या गाये भैंस मुफ्त में आती है
........मिलाप सिंह भरमौरी
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