काश! इक सरकार ऐसी बने
जो वास्तव में हितकारी हो
एक कठोर कानून बनाकर रोके जो
बढ़ती जनसंख्या की बीमारी को
जो सब धर्मो पर लागु हो
जो सब वर्गो पर लागु हो
एक जीवित बच्चे का नियम
जिसे मानने पर हर कोई बाध्य हो
जिसे तोड़ने पर जुर्माना हो
और दोषी को कठोर हर्जाना हो
जिसमे धारा और उप धारा हो
जिस से बचने का न कोई बहाना हो
इसके लाभ -हानियों की सूची बने
चुनाव के पोस्टर की तरह घर- घर में बंटे
हर धर्म मजहव की शादी से पहले
हर दुल्हे -दुल्हन को ये मिले
इसमें दंड का कठोर प्रवधान हो
जिसे सोच के हर कोई सावधान हो
और मानने वाले को सुविधाएँ भी मिले
इसलिए खुद- व् -खुद मानने को राजी हर इंसान हो
.......................मिलाप सिंह भरमौरी
कविता का अगला हिस्सा अगली पोस्ट में भेजूंगा ..
जो वास्तव में हितकारी हो
एक कठोर कानून बनाकर रोके जो
बढ़ती जनसंख्या की बीमारी को
जो सब धर्मो पर लागु हो
जो सब वर्गो पर लागु हो
एक जीवित बच्चे का नियम
जिसे मानने पर हर कोई बाध्य हो
जिसे तोड़ने पर जुर्माना हो
और दोषी को कठोर हर्जाना हो
जिसमे धारा और उप धारा हो
जिस से बचने का न कोई बहाना हो
इसके लाभ -हानियों की सूची बने
चुनाव के पोस्टर की तरह घर- घर में बंटे
हर धर्म मजहव की शादी से पहले
हर दुल्हे -दुल्हन को ये मिले
इसमें दंड का कठोर प्रवधान हो
जिसे सोच के हर कोई सावधान हो
और मानने वाले को सुविधाएँ भी मिले
इसलिए खुद- व् -खुद मानने को राजी हर इंसान हो
.......................मिलाप सिंह भरमौरी
कविता का अगला हिस्सा अगली पोस्ट में भेजूंगा ..
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