Milap Singh Bharmouri

Milap Singh Bharmouri

Tuesday, 16 December 2014

मजहब

क्यों न गमजदा हो यह दिल
आखिर वो बच्चे ही तो थे

ऐसा क्या जुर्म किया था उन्होंने
जो अब इस दुनिया में न रहे

या रव उतर आ अब जमीं पर
बहुत बहुत पाप हो चुका है यहाँ पर

लोग भूल गए हैं इंसानियत का मतलब
भटक गए हैं कह मजहब मजहब

तू ही आकर अब असलियत दिखा दे
क्या है असली मजहब इनको बता दे

इस तरह बच्चों को मार देना तो मजहब नहीं है
बेकसूर लोगों को उजाड देना तो मजहब नहीं है

         ------ मिलाप सिंह भरमौरी

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