यूंही नहीं कहता जमाना
मेरे देश को हिन्दुस्तान
हिंदू से ही यहां बने इसाई
हिन्दू से ही मुसलमान
हर इंसान में है यहां हिन्दू खून
करते हैं यह सभी कबूल
गर स्वेच्छा से फिर बन रहे हैं हिन्दू
तो क्यों दे रहे हैं मसले को तूल
वैसे भी कब खुद मर्जी से
उन्होंने धर्म को छोडा था
यह तो बस तलवार के बल से
उनको इस्लाम की ओर मोडा था
अब नहीं है मुगलो की गुलामी
अब लोकतंत्र है भारत में
स्वेच्छा से फिर हिन्दू बनने को
हर कोई स्वतंत्र है भारत में
----- मिलाप सिंह भरमौरी
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