Milap Singh Bharmouri

Milap Singh Bharmouri

Sunday, 1 November 2015

होस्पीटल और मंदिर

मंदिर में भगवान
हमारी परोक्ष रूप से
सहायता करते हैं
और हम
पूरी श्रद्धा के साथ
दानपात्र को भरते हैं
और मंदिर के परिसर को
साफ सुथरा रखते हैं

होस्पीटल में डाक्टर
हमारी प्रत्यक्ष रूप से
सहायता करते हैं
जिनको रो चुके होते हैं परिजन
ऐसे शरीरों में भी
जान भरते हैं

और बदले में हम
क्या करते हैं
जगह जगह गंदगी फैला कर
शौचालय और परिसर को गंदा करते हैं
कब सुधरेगें हम
कब सुधरने की
खुद से ही पहल करेंगे हम

क्यों न मंदिर की तरह
सरकारी होस्पीटलों को भी
तन मन से पवित्र रखें हम
और क्यों न
मंदिरों की तरह
सरकारी होस्पीटलों में भी
दानपात्र रखें जाएं
और अपनी अपनी हैसियत से
होस्पीटलों में भी चढावा चढाएं
और प्रशासन
उस पैसे को
होस्पीटल के सुधार पर लगाए

    ...... मिलाप सिंह भरमौरी

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