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जी करता है कि चुरा लूं मैं तेरे गालों पर प्यारी सी जो लाली है पर डरता हूँ कि अंधेरा न हो जाए इससे ही तो जग में रौशनी फैली है
-------- मिलाप सिंह भरमौरी
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