Milap Singh Bharmouri

Milap Singh Bharmouri

Saturday, 2 August 2014

कितना असर

जन्नत सी लगने लगती है यह दुनिया
जब भी  सोचता हूँ मैं तुम्हारे बारे में

जुबान पर आ जाता है अचानक कई बार
पता नहीं क्या रखा है नाम तुम्हारे में

कितना असर होगा तेरी मौहब्बत में
सोचता हूँ तन्हा बैठकर मैं फुर्सत में

गर कबूल कर लो दोस्ती मेरी तुम तो
रौशनी हो जाए ओर ज्यादा मेरे सितारे में

      -------- मिलाप सिंह भरमौरी

No comments:

Post a Comment