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शराब पीते हैं और झूमते हैं गाते हैं इस तरह हम अपने गम छुपाते हैं कोई पूछे जो सबब हमसे पीने का बेबफा को याद करते हैं मुस्कुराते हैं
------ मिलाप सिंह भरमौरी
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