Milap Singh Bharmouri

Milap Singh Bharmouri

Monday, 5 August 2013

कितनी संगदिल है

कितनी  संगदिल है  मेरी चाहत 
दिल को  पहुंचाती नही मेरे  राहत 

हर हंसी से नजर मिलाते  हो
देखी  है मैंने तेरी भी शराफत

प्यार पर शक करना मोहबत में 
हुस्न की यारो है पूरानी  आदत

तेरी हरकतें में सब पहचानती हूँ
दिल में कालिख बातों में हलावत

सिर्फ इक बार इनायत कर  दे
फिर उम्रभर करूंगा तेरी इबादत


……… मिलाप सिंह भरमौरी 

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