Milap Singh Bharmouri

Milap Singh Bharmouri

Monday, 2 June 2014

सूरज के तेवर

बरस रही है आग अम्बर से   

हवा के झोंके भी कहीं खो गए हैं    
                    
सूख गई है नदियां और नाले   

पशु पक्षी मौत की नींद सो रहे है    

जला दिए हैं घास-फूस सब    

सूरज के तेवर और उदण्ड हो रहे हैं

   --- मिलाप सिंह भरमौरी

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