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जिन्दगी सब्र में क्याम करती है
जिन्दगी सबका एहतराम करती है
इसके लिए अमीर-फकीर कुछ भी नहीं
ये तो मुफलिसी में भी नाम करती है
---- मिलाप सिंह भरमौरी
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