अब इसमें नहीं दो राय कोई
अंतरिक्ष में कौन है सुपरपावर
भारत का ही सिक्का चलने वाला है
हो जमीन आकाश या फिर सागर
तू भारत का निवासी है
नहीं दुनिया में है कोई तेरे बराबर
भुजाओं में तेरी है श्रम की फडक
सिने में है तेरे हिम्मत का सागर
अदभुत है तेरी सहनशीलता
बडा अनोखा है भाईचारा नागर
तू विश्वगुरु था आगे भी रहेगा
ज्ञान मांगेगा यहां फिर विश्व आकर
------- मिलाप सिंह भरमौरी