Milap Singh Bharmouri

Milap Singh Bharmouri

Wednesday, 19 March 2014

प्राण - पखेरू

Hindi shayari
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यह प्राण पखेरू चुगना  चाहे

सुच्चे मोति उस सागर के!

जो चमक धमक, ताज तख्त

छोड चुका है निज मार्ग से!!

~ milap singh bharmouri ~

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