Milap Singh Bharmouri

Milap Singh Bharmouri

Friday, 7 March 2014

जीने के लिए

Hindi shayari
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क्या नहीं करता

इन्सान जीने के लिए!

फिर भी जीता है मगर

सिर्फ मरने के लिए!!

~ milap singh bharmouri ~

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