Save trees!
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इस पूरे शहर पर
राज था मेरा
जो आज पार्क में
मुझे देखते हो!
जन्म, मरण हो
या कोई भी उत्सव
मेरे ही तने को
काटते हो!
मुझको भी दर्द होता है
भाई
मुझ में भी प्राण
बसते है!
तुम चाहे जिससे
प्यार करो पर
अब मेरी क्यों खाल
उधेडते हो!!
~ milap singh bharmouri ~
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