Milap Singh Bharmouri

Milap Singh Bharmouri

Thursday, 13 March 2014

बहारों में दिल

Hindi shayari
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चाहता क्या है यह
कुछ समझ नहीं आता!

बहारों में भी दिल
संवर नहीं पाता!!

आप कहते है
खुद को पहचानो 'मिलाप '!

मुझको मिट्टी के सिवा
कुछ नजर नहीं आता!!

~ milap singh bharmouri ~

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