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होली #####
छोड के आँख मिचोली
सीधी कर ले अपनी बोली
मार प्यार की पिचकारी
रंग दे कोरी उसकी चोली
तज लाज शर्म की सीमा
खेल खुल के आज तू होली
~ milap singh bharmouri ~
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