Milap Singh Bharmouri

Milap Singh Bharmouri

Tuesday 11 March 2014

न रहगुजर

Hindi shayari
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न रहगुजर है न रहनुमा
जाने कहां चला हूँ मैं!

इतने गमों से भी टूट न पाया
न जाने किससे बना हूँ मैं!!

इक ओर है मेहरूमियां
इक ओर बरकते लाजबाव!

जिन्दगी है खाली -खाली
फिर भी गमो से भरा हूँ मैं!!

~ milap singh bharmouri ~

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