Milap Singh Bharmouri

Milap Singh Bharmouri

Friday 29 August 2014

मणिमहेश स्नान


सूरज जब उगता है
पर्वत के पीछे से
इक दिव्य मणी चमकती है
बर्फीले प्राकृतिक शिवलिंग से

धीरे धीरे यह दिव्य प्रकाश
आ जाता है झील के पास
धन्य हो जाते हैं भक्त
मिट जाते हैं सब पाप

भोले के जयकारों से
घाटी गुंजित हो जाती है
बम बम भोले कहती हुई
श्रद्धा झील में स्नान को जाती है

झील में डुबकी लगाते ही
सारे दुख धुल जाते हैं
भोले के दरवार के
सब द्वार खुल जाते हैं

-------- मिलाप सिंह भरमौरी

( मणिमहेश के बडे शाही स्नान की सभी भक्तों को हार्दिक बधाई।सर्वशक्तिमान भगवान शिव शंकर आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी करे । )

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