Milap Singh Bharmouri

Milap Singh Bharmouri

Sunday 19 July 2015

Kudarat ki kaya

ढूँढ रहे थे इधर उधर
जन्नत तो यहीं बसी है

इससे सुंदर कुदरत की काया
शायद ओर कहीं नहीं है

यही तो है वादिए भरमौर
यही तो है वादिए भरमौर।।

------ मिलाप सिंह भरमौरी

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