Hindi shayari
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गऊ की झूठी कसम जो खाए!
वो सीधा इंसान नरक को जाए!!
दोजख, जन्नत झूठ नहीं है!
हर मजहब में इसका वर्णन आए!!
~ milap singh bharmouri ~
Hindi shayari
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गऊ की झूठी कसम जो खाए!
वो सीधा इंसान नरक को जाए!!
दोजख, जन्नत झूठ नहीं है!
हर मजहब में इसका वर्णन आए!!
~ milap singh bharmouri ~
Hindi shayari
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यह प्राण पखेरू चुगना चाहे
सुच्चे मोति उस सागर के!
जो चमक धमक, ताज तख्त
छोड चुका है निज मार्ग से!!
~ milap singh bharmouri ~
Holi shayari
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एक गाल पर
हरा रंग लगाता
दूजे को करता लाल!
चुनरी कुरती
भीगो देता सब
और उलझा देता बाल!!
मत मत
बस मत करती तुम
पर बस न करता मैं !
सोच
आज मैं तेरे साथ जो होता
क्या होता तेरा हाल!!
~ milap singh bharmouri ~
Hindi shayari
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अपनी पूँछ से गऊ माता!
पाप की नदिया पार कराए!!
अंत समय गऊ दान करे!
सीधा प्राणी स्वर्ग को जाए!!
~ milap singh bharmouri ~
Hindi shayari
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चाहता क्या है यह
कुछ समझ नहीं आता!
बहारों में भी दिल
संवर नहीं पाता!!
आप कहते है
खुद को पहचानो 'मिलाप '!
मुझको मिट्टी के सिवा
कुछ नजर नहीं आता!!
~ milap singh bharmouri ~
Hindi shayari
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सब धर्मो को इक बर्तन में जब!
इक दिव्य अलौकिक शक्ति ने मंथा होगा!!
विश्व स्वरूप तरल के तल पर फिर!
इक प्यारा -सा लफ्ज हिन्दुस्तान तरा होगा!!
~ milap singh bharmouri ~
Hindi shayari
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कर्म के कारण जन्म हुआ है!
बस तू करता चल प्रयास ..!!
रुक जाना फिर अपयश होगा!
गर इक भी बाकि रही हो सांस!!
~ milap singh bharmouri ~
Hindi shayari
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संयम बनाए जीवन को!
और नशा कराए नाश ..!!
धरती को ही स्वर्ग बना दो!
अगर मिल न पाए आकाश ....!!
~ milap singh bharmouri ~
Hindi shayari
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दिन सफल हो जाएगा!
अगर सुबह गाय को दर्शन होंगे!!
बिगडे काम बनेगें अगर!
रोज उसे आटे के पेडे अर्पण होगें!!
जीवन सफल हो जाएगा!
गर गऊ पूज्य है विचार हरपल होगें!!
~ milap singh bharmouri ~
Hindi shayari
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तेरे हुस्न पर गजब का निखार आया है!
जैसे फिजा में मौसम -ए -बहार आया है!!
पहले मुस्कुराना और फिर शर्माना तेरा!
इस अदा पर तेरी मुझे ओर प्यार आया है!!
~milap singh bharmouri ~
होली
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छोड के आँख मिचोली
सीधी कर ले अपनी बोली
मार प्यार की पिचकारी
रंग दे कोरी उसकी चोली
तज लाज शर्म की सीमा
खेल खुल के आज तू होली
~ milap singh bharmouri ~
Hindi shayari
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न रहगुजर है न रहनुमा
जाने कहां चला हूँ मैं!
इतने गमों से भी टूट न पाया
न जाने किससे बना हूँ मैं!!
इक ओर है मेहरूमियां
इक ओर बरकते लाजबाव!
जिन्दगी है खाली -खाली
फिर भी गमो से भरा हूँ मैं!!
~ milap singh bharmouri ~
Hindi shayari
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यह तो खुदा को पता होता है!
कि किसकी किस्मत में क्या होना निकले!!
मैं तो मिट्टी से बना हूँ ' मिलाप '!
उसकी कब्र से शायद सोना निकले .....!!
~ milap singh bharmouri ~
Hindi shayari
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क्या नहीं करता
इन्सान जीने के लिए!
फिर भी जीता है मगर
सिर्फ मरने के लिए!!
~ milap singh bharmouri ~
Hindi shayari
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तन में तन्दरुस्ती,
मन में स्फुर्ती!
घर में लक्षमी का हो आवास!!
हमारी ओर से,
सभी दोस्तो को!
तह -ए - दिल से शुभ -प्रभात!!
~ milap singh bharmouri ~
Hindi shayari
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जैसे गुलाब के फूल पर
शराब की ओस है ....!
देख के जमाल -ए -यार
दिल मेरा मदहोश है....!!
~ milap singh bharmouri ~
सूरज ने है अब ली अँगडाई!
देखो नभ पर लालिमा छाई!!
छोडो भी भाई कंबल, रजाई!
तुम बाहर देखो सुबह है आई!!
~milap singh bharmouri ~
Hindi shayari
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तिडके हुए शीसे से बेहतर है
कि टूटा हो!
चेहरा छोटा ही सही उसमे
पर पूरा हो!!
~ milap singh bharmouri ~
Hindi shayari
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लाख सम्भल के रहे लेकिन!
फिर भी कसूर हो जाता है!!
यह दुनिया है यार दुनिया में!
सबको गरूर हो जाता है.....!!
~ milap singh bharmouri ~
Hindi shayari
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फिर उसी कशमकश
ने घेरा है!
फिर वही आज
हाल मेरा है!
बेशक जमाना हुआ
तुमसे मिले हुए!
पर आज भी जहन में
ख्याल तेरा है!!!!!
~ milap singh bharmouri ~
सुबह लेकर आई है!
सूरज की नन्ही -सी किरण!!
सब जग से बोल रही है!
उठो जागो और गुड मोरनिन्ग!!
~ milap singh bharmouri ~
Hindi shayari
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दुनिया है फकत साया
उसके जमाल का!!
पाया है हुस्न उसने
या रव कमाल का!!
हम पीते है रोज उसकी
नजरो को देख कर!!
जुल्फें संवार रहे है वो
आईने को देख कर!!
~ milap singh bharmouri ~
Hindi shayari
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बन -ठन के रोज निकलता था
जो बुलेट पर!
भीख मांगता मिलता है वो
अब फुटपाथों पर!!
बस नशे की लत ने उसकी
ऐसी हालत कर दी है!
वरना लकीरें तो नहीं थी ऐसी
उसके हाथों पर!!
~ milap singh bharmouri ~
Save trees!
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इस पूरे शहर पर
राज था मेरा
जो आज पार्क में
मुझे देखते हो!
जन्म, मरण हो
या कोई भी उत्सव
मेरे ही तने को
काटते हो!
मुझको भी दर्द होता है
भाई
मुझ में भी प्राण
बसते है!
तुम चाहे जिससे
प्यार करो पर
अब मेरी क्यों खाल
उधेडते हो!!
~ milap singh bharmouri ~
Hindi shayari
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जुल्फें संवार रहे है वो!
'मिलाप ' आईने को देख कर!!
सच उन -सा नहीं है कोई!
हम आए है जमाने को देखकर!!
~ milap singh bharmouri ~