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Hindi shayari @@@@@@@@
मिलकर इक - दूजे के संग! जब हम ईद -ओ - दिवाली मनाते है!! दुनिया के कितने ही मुल्ख! यह देख कर हमसे फिर जल जाते है!!
~ milap singh bharmouri ~
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