Hindi shayari
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नरक बना लेते है जीवन!
कर के इक -दूजे पे शक!!
गर दुनियादारी चलानी है!
तो अपनो पे भरोसा रख!!
पत्नी है तेरी, पंछी नहीं है!
जो कर जाता है कमरे में बंद!!
कितनी ही गंदी सोच है तेरी!
छी! कितना मन में भरा है गंद!!
~ milap singh bharmouri ~
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