Shiv - ratri
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शिवा ने खोली
अपनी झोली
साँप बिच्छू
सब छोड दिए!!
सर्दी रानी भी
बूडी हुई अब
नाज - नखरे सब
बेजोड हुए!!
शिवा के रंग में
रंगे हुए है
आज सारे देवालय
जग के!!
लंगर, घोटे
और जगराते से
आज है सारे
शिवालय चमके!!
भोले की धुन - सुन
खो गई सुद -बुद
सम्सत प्राणी है
विभोर हुए!!
~ milap singh bharmouri ~
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