Milap Singh Bharmouri

Milap Singh Bharmouri

Tuesday, 25 February 2014

भाईचारा

Hindi shayari
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एक ही मजहब के है सब उनके!
फिर भी रहता है वहां सदा खिलारा!!
कितने ही मजहब के लोग यहां है!
फिर भी अद्भुत है अपना भाईचारा!!

~ milap singh bharmouri ~

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