Milap Singh Bharmouri

Milap Singh Bharmouri

Saturday, 30 August 2014

दिल मत सोच


Hindi shayari
@ @ @ @ @ @ @

दिल तू  मत सोच  उसके बारे में
वो  नहीं है  मुक्कदर  तुम्हारे  में ।
अपने मन को भी कर तू काबू में
और न न कर हर  बार इशारे में।

------ मिलाप सिंह भरमौरी

Friday, 29 August 2014

मणिमहेश स्नान


सूरज जब उगता है
पर्वत के पीछे से
इक दिव्य मणी चमकती है
बर्फीले प्राकृतिक शिवलिंग से

धीरे धीरे यह दिव्य प्रकाश
आ जाता है झील के पास
धन्य हो जाते हैं भक्त
मिट जाते हैं सब पाप

भोले के जयकारों से
घाटी गुंजित हो जाती है
बम बम भोले कहती हुई
श्रद्धा झील में स्नान को जाती है

झील में डुबकी लगाते ही
सारे दुख धुल जाते हैं
भोले के दरवार के
सब द्वार खुल जाते हैं

-------- मिलाप सिंह भरमौरी

( मणिमहेश के बडे शाही स्नान की सभी भक्तों को हार्दिक बधाई।सर्वशक्तिमान भगवान शिव शंकर आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी करे । )

Tuesday, 5 August 2014

दिल की बगिया


दिल की इस बगिया को तुम
कभी कभी महका जाया करो न

सांझ सवेरे तकता रहता हूँ मैं
कभी तो छत पर आ जाया करो न

कैसी हो तुम, क्या खैर खबर है
मन सोच के यह घबरा जाता है

भोले से इस आशिक को तुम
इस उलझन में उलझाया करो न

------- मिलाप सिंह भरमौरी

Monday, 4 August 2014

Hava ka jhounka

कुछ खास खुशबू है हवा के झौंके में
छत पर  बैठे मैंने आज महसूस किया है  
लगता है तेरे गालों को छुआ है इसने    
तू भी ठहलती है छत पे रोज मैंने सुना है

----------- मिलाप सिंह भरमौरी

Sunday, 3 August 2014

रौशनी

जी  करता  है  कि  चुरा  लूं मैं
तेरे  गालों पर  प्यारी  सी जो  लाली है
पर  डरता हूँ  कि अंधेरा न हो जाए
इससे  ही  तो  जग में  रौशनी  फैली है

-------- मिलाप सिंह भरमौरी

Saturday, 2 August 2014

कितना असर

जन्नत सी लगने लगती है यह दुनिया
जब भी  सोचता हूँ मैं तुम्हारे बारे में

जुबान पर आ जाता है अचानक कई बार
पता नहीं क्या रखा है नाम तुम्हारे में

कितना असर होगा तेरी मौहब्बत में
सोचता हूँ तन्हा बैठकर मैं फुर्सत में

गर कबूल कर लो दोस्ती मेरी तुम तो
रौशनी हो जाए ओर ज्यादा मेरे सितारे में

      -------- मिलाप सिंह भरमौरी

Pyar me


Hindi shayari

अजीब आकर्षण होता है
इस प्यार में

नाम लिखते फिरते हैं
दरख्तों और दिवार में

घंटों पहले खडे हो जाते हैं
राह में आकर

क्या पता क्या दिखता है
उन्हें दिलदार में

---- मिलाप सिंह भरमौरी

Friday, 1 August 2014

Muskurahat


हम तो लुट जाते हैं
बस तेरी इक मुस्कुराहट से

बात कर लो तुम तो
पता नहीं क्या हो जाए

वैसे तो पता है कि
कितने पानी में है हम

पर तेरी उम्मीद में शायद
कुछ हासिल हो जाए

---- मिलाप सिंह भरमौरी