Hindi shayari
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दिल तू मत सोच उसके बारे में
वो नहीं है मुक्कदर तुम्हारे में ।
अपने मन को भी कर तू काबू में
और न न कर हर बार इशारे में।
------ मिलाप सिंह भरमौरी
Hindi shayari
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दिल तू मत सोच उसके बारे में
वो नहीं है मुक्कदर तुम्हारे में ।
अपने मन को भी कर तू काबू में
और न न कर हर बार इशारे में।
------ मिलाप सिंह भरमौरी
सूरज जब उगता है
पर्वत के पीछे से
इक दिव्य मणी चमकती है
बर्फीले प्राकृतिक शिवलिंग से
धीरे धीरे यह दिव्य प्रकाश
आ जाता है झील के पास
धन्य हो जाते हैं भक्त
मिट जाते हैं सब पाप
भोले के जयकारों से
घाटी गुंजित हो जाती है
बम बम भोले कहती हुई
श्रद्धा झील में स्नान को जाती है
झील में डुबकी लगाते ही
सारे दुख धुल जाते हैं
भोले के दरवार के
सब द्वार खुल जाते हैं
-------- मिलाप सिंह भरमौरी
( मणिमहेश के बडे शाही स्नान की सभी भक्तों को हार्दिक बधाई।सर्वशक्तिमान भगवान शिव शंकर आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी करे । )
दिल की इस बगिया को तुम
कभी कभी महका जाया करो न
सांझ सवेरे तकता रहता हूँ मैं
कभी तो छत पर आ जाया करो न
कैसी हो तुम, क्या खैर खबर है
मन सोच के यह घबरा जाता है
भोले से इस आशिक को तुम
इस उलझन में उलझाया करो न
------- मिलाप सिंह भरमौरी
कुछ खास खुशबू है हवा के झौंके में
छत पर बैठे मैंने आज महसूस किया है
लगता है तेरे गालों को छुआ है इसने
तू भी ठहलती है छत पे रोज मैंने सुना है
----------- मिलाप सिंह भरमौरी
जी करता है कि चुरा लूं मैं
तेरे गालों पर प्यारी सी जो लाली है
पर डरता हूँ कि अंधेरा न हो जाए
इससे ही तो जग में रौशनी फैली है
-------- मिलाप सिंह भरमौरी
जन्नत सी लगने लगती है यह दुनिया
जब भी सोचता हूँ मैं तुम्हारे बारे में
जुबान पर आ जाता है अचानक कई बार
पता नहीं क्या रखा है नाम तुम्हारे में
कितना असर होगा तेरी मौहब्बत में
सोचता हूँ तन्हा बैठकर मैं फुर्सत में
गर कबूल कर लो दोस्ती मेरी तुम तो
रौशनी हो जाए ओर ज्यादा मेरे सितारे में
-------- मिलाप सिंह भरमौरी
Hindi shayari
अजीब आकर्षण होता है
इस प्यार में
नाम लिखते फिरते हैं
दरख्तों और दिवार में
घंटों पहले खडे हो जाते हैं
राह में आकर
क्या पता क्या दिखता है
उन्हें दिलदार में
---- मिलाप सिंह भरमौरी
हम तो लुट जाते हैं
बस तेरी इक मुस्कुराहट से
बात कर लो तुम तो
पता नहीं क्या हो जाए
वैसे तो पता है कि
कितने पानी में है हम
पर तेरी उम्मीद में शायद
कुछ हासिल हो जाए
---- मिलाप सिंह भरमौरी