Milap Singh Bharmouri

Milap Singh Bharmouri

Friday, 28 February 2014

बेबफा है वो

बेबफा है वो
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बेबफा है वो हम क्या करें!
कैसे चाहत को रुस्वा करें!!

हमने की है मौहाबत 'मिलाप '!
उनकी मर्जी है वो क्या करे!!

~ milap singh bharmouri ~

हालात के गुलाम

हालात के गुलाम
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बिन तेरी मर्जी के किधर जाऐंगे!
कदम उठाया भी तो बिखर जाऐंगे!!
हम हालात के गुलाम है 'मिलाप '
जिधर कहेगा  उधर चले  जाऐंगे!!

~milap singh bharmouri ~

टूटा दिल

टूटा हुआ दिल
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ले  उठा  फैंक दे
अब दिल को  मेरे!

यह टूटा  हुआ मेरे
किस काम का!!

अब इजाफा  ही करेगा
दर्द में   मेरे!

यह टूटा  हुआ मेरे
किस काम का!!

~ milap singh bharmouri ~

Thursday, 27 February 2014

गौ दुर्दशा

गऊ -दुर्दशा
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आधुनिकता  का दौर यह
आज हमारे  धर्म पर
असर डाल रहा  है।

समाज का इक बडा  वर्ग
सिर्फ दूध के  लिए ही
गाय पाल रहा  है।

जब तक दूध देती है
पूरी  सेवा  होती  है।

जब हो  जाती  है
बूडी या  बांझ
कर देता  है 
उसे नजर अंदाज ।

छोड देता  है  उसको  लावारिस
फिर बुरी  होती  है  उसकी  हालत
गौ को  मां कहने  वालो
आर्य सन्तानो,  बुद्धिमानो ।

कुछ तो मां पर रहम करो
गऊ माता  को  संरक्षण दो
धर्म पर उपकार करो ।

~ milap singh bharmouri ~

Wednesday, 26 February 2014

Shiv - ratri

Shiv - ratri
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शिवा  ने  खोली 
अपनी  झोली
साँप बिच्छू 
सब छोड दिए!!

सर्दी  रानी  भी
बूडी  हुई अब
नाज - नखरे  सब
बेजोड हुए!!

शिवा  के  रंग में
रंगे  हुए है
आज सारे  देवालय
जग के!!

लंगर,  घोटे
और जगराते  से
आज है  सारे
शिवालय चमके!!

भोले  की  धुन - सुन
खो  गई सुद -बुद
सम्सत प्राणी  है
विभोर हुए!!

~ milap singh bharmouri ~

Tuesday, 25 February 2014

Shubh shiv ratri

शुभ - शिव - रात्री

पीस ले घोटा!
बना ले डोले!!

मेहर करेगें!
सब पर भोले!!

मस्ती में झूमों!
मस्ती में गाओ!!

जोर से बोलो!
बम, बम, भोले!!

Shiv -ratri ki Sabhi doston ko
Hamari taraf se hardik mangal -kamana ....

~ milap singh bharmouri ~

भाईचारा

Hindi shayari
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एक ही मजहब के है सब उनके!
फिर भी रहता है वहां सदा खिलारा!!
कितने ही मजहब के लोग यहां है!
फिर भी अद्भुत है अपना भाईचारा!!

~ milap singh bharmouri ~

ईद और दिवाली

Hindi shayari
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मिलकर इक - दूजे के संग!
जब हम ईद -ओ - दिवाली मनाते है!!
दुनिया के कितने ही मुल्ख!
यह देख कर हमसे फिर जल जाते है!!

~ milap singh bharmouri ~

शराब और दवा

Hindi shayari
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कहते है शराब जिसको!
शायद वो दवा भी है!!
लेकिन यह इश्क यारो!
हर दम बला ही है!!!!!!!!

~ milap singh bharmouri ~

धडकन

Hindi shayari
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मेरी आँखो में तेरा चेहरा है!
मेरे कानों में तेरी बातें है!!

मेरे सीने में तेरी धडकन है!
मेरी जिंन्दगी में तेरी यादें है!!

~ milap singh bharmouri ~

Monday, 24 February 2014

धर्म परिवर्तन

जिस धर्म में पैदा होते हो!
उस धर्म का सम्मान करो!!

हिन्दू हो तो हिन्दू बनो!
मुसलमान हो तो मुसलमान बनो!!

हर मजहब में कमियां होती है!
पर खूबियों से न अनजान रहो!!

उन कमियों को मिटाने के लिए!
अपनी आवाज बुलंद करो!!

दोस्त ठीक नहीं है यह उपचार!
अब धर्म परिवर्तन बंद करो!!

~ milap singh bharmouri ~

Thursday, 20 February 2014

Jindgi majak

Hindi shayari
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जिदंगी मजाक कर गई!
किस्मत को खिलाफ कर गई!!
छीन कर मेरे सपनो को!
दोस्त गमों को साथ कर गई!!

Jindgi Majak kar gai!
Kisamat ko khilaf kar gai!!
Sheen kar mere sapno ko!
Gamon ki sath kar gai!!

~ milap singh bharmouri ~

Wednesday, 19 February 2014

शक

Hindi shayari
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नरक बना लेते है जीवन!
कर के इक -दूजे पे शक!!

गर दुनियादारी चलानी है!
तो अपनो पे भरोसा रख!!

पत्नी है तेरी, पंछी नहीं है!
जो कर जाता है कमरे में बंद!!

कितनी ही गंदी सोच है तेरी!
छी! कितना मन में भरा है गंद!!

~ milap singh bharmouri ~

शक

Hindi shayari
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नरक बना लेते है जीवन!
कर के इक -दूजे पे शक!!

गर दुनियादारी चलानी है!
तो अपनो पे भरोसा रख!!

पत्नी है तेरी, पंछी नहीं है!
जो कर जाता है कमरे में बंद!!

कितनी ही गंदी सोच है तेरी!
छी! कितना मन में भरा है गंद!!

~ milap singh bharmouri ~

जुल्फ बरसती नही


हर बार गुजर जाती हो मुझे घायल कर के !
जुल्फ बरसती नही कभी तेरी बादल बनके !!

सित्तमगर तेरे  सित्तम मै कैसे बयान करूं !
छोड़ देती हो मुझे जानिब  तुम माइल कर के !!

दिल में मुमकिन नही तो पांब में ही रख ले !
लिपटा रहूँगा तुमसे मै तेरी पायल बन के !!

जिसे देख के ही इतना खुश हूँ मै  'मिलाप '!
क्या बन जाउंगा उसे फिर हासिल करके !!


               ...............मिलाप सिंह भरमौरी 

Tuesday, 18 February 2014

खोल बोतल शराब की

खोल बोतल शराब की 
खोल बोतल शराब की I

मिल जाएगी जिंदगी 
तुझे तेरे खवाब की II

बुजदिल भी यार पी के
दिलदार बन जाएंगे I

दो जाम उठाने दीजिए
फिर सुन बाते जनाब की II

मयकशी दवाते मिलाप 
मेरी जिंदगी गुजर गई I

आज पीएंगे शरेआम 
छोड़ बातें हिजाब की II

चल सम्भल सम्भल के तू
मालिक ए मैखाना I

चावी न गुम हो जाए कहीं 
मय की दुकान की II

------मिलाप सिंह भरमौरी

Monday, 17 February 2014

जिंदगी में बहुत कुछ सहना पड़ता है  I
कभी खुशिओं में कभी गम में रहना पड़ता है II

कोई रो रो कर ही तकदीर बना  लेता  है I
किसी को तो हंसना भी मंहगा पड़ता है II

कभी नाम का ही खौफ होता है हरसूं I
कभी साये से भी अपने डरना पड़ता है II

कभी सोहरत का कोई हिसाब नही होता I
कभी कितनी ही नजरों को पढ़ना पड़ता है II

कभी पूछे कोई  हाल मेरा  'मिलाप ' मुझसे I
खुछ हूँ बहुत मै झूठ भी कहना पड़ता है II

            --------मिलाप सिंह भरमौरी

Sunday, 2 February 2014

सबका काम बनेगा

सबका काम बनेगा
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सबका काम बनेगा
सबकी तरक्की होगी ।

नमन करो प्रभू आगे
हर बात अच्छी होगी ।

टूटी है jiski शादी
समझो कल ही पक्की होगी ।

होगा चारो ओर उजाला
गर मन में भक्ती होगी ।

न होगा डर नाकामी का
गर  मेहनत सच्ची होगी ।

~ milap singh bharmouri ~