Milap Singh Bharmouri

Milap Singh Bharmouri

Sunday, 21 December 2014

धर्म परिवर्तन


यूंही नहीं कहता जमाना
मेरे देश को हिन्दुस्तान
हिंदू से ही यहां बने इसाई
हिन्दू से ही मुसलमान

हर इंसान में है यहां हिन्दू खून
करते हैं यह सभी कबूल
गर स्वेच्छा से फिर बन रहे हैं हिन्दू
तो क्यों दे रहे हैं मसले को तूल

वैसे भी कब खुद मर्जी से
उन्होंने धर्म को छोडा था
यह तो बस तलवार के बल से
उनको इस्लाम की ओर मोडा था

अब नहीं है मुगलो की गुलामी
अब लोकतंत्र है भारत में
स्वेच्छा से फिर हिन्दू बनने को
हर कोई स्वतंत्र है भारत में

----- मिलाप सिंह भरमौरी

Tuesday, 16 December 2014

मजहब

क्यों न गमजदा हो यह दिल
आखिर वो बच्चे ही तो थे

ऐसा क्या जुर्म किया था उन्होंने
जो अब इस दुनिया में न रहे

या रव उतर आ अब जमीं पर
बहुत बहुत पाप हो चुका है यहाँ पर

लोग भूल गए हैं इंसानियत का मतलब
भटक गए हैं कह मजहब मजहब

तू ही आकर अब असलियत दिखा दे
क्या है असली मजहब इनको बता दे

इस तरह बच्चों को मार देना तो मजहब नहीं है
बेकसूर लोगों को उजाड देना तो मजहब नहीं है

         ------ मिलाप सिंह भरमौरी

Monday, 8 December 2014

तेरी बहन

जब कोई तेरी बहन को छेडे
या बुरी नजर से देखे
आग लग जाती है सीने में
खून बहने लगता है पसीने में

कब तू सब्र कर पाता है
दो चार उसी वक्त जड देता है
कितनी नफरत हो जाती है पैदा
कुछ नहीं दिखता उसमें इंसान जैसा

पर तू जब खुद मन में लिए दुर्बुध
किसी की बहन को छेडता है
या बुरी नजर से देखता है
हवस भरे मन से
उसके घर या रास्ते की तरफ बढता है

तो तेरी अक्ल कहां खो जाती है
वो सब इंसानियत कहां खो जाती है
जब तू लौटता है व्यभिचार करके
दूसरे के घर में जहर भरके

क्यों नहीं तेरा मन करता मर जाने को
जहर निगल लेने को
फंदे से लटक जाने को
बडे फक्र से अपनी नीचता
अपने दोस्तों को सुनाता है
किसी इज्जत की निलामी को
गली गली तक पहुंचाता है

सुन तू तो दोषी है ही
तेरी यह बातें सुने वाले भी
दोषी ठहराऐ जाएंगे
तुझको फैंका जाएगा
उफनते तेल के कडाहे में
उनके कानों में भी
उफनता तेल डाला जाएगा

उसके घर में देर हो सकती है
मगर अंधेर नहीं होता
मैं महसूस कर रहा हूं
अभी से तुमको रोता

अभी भी संभल जा कुछ भला हो जाएगा
तू भी पाप से बच जाएगा
उसका भी घर बच जाएगा

मैं नहीं कहता सब तेरी ही गलती होगी
हो सकता है वो भी तुझे फोन करती होगी
पर राह गलत है मंजिल भी गलत ही होगी
जो जो करेगा पाप वही बनेगा भोगी

      ------ मिलाप सिंह भरमौरी

Saturday, 29 November 2014

Sharaab pite hai


शराब पीते हैं और झूमते हैं गाते हैं
इस तरह हम अपने गम छुपाते हैं
कोई पूछे जो सबब हमसे पीने का
बेबफा को याद करते हैं मुस्कुराते हैं

    ------ मिलाप सिंह भरमौरी

Good morning shayari


घोंसलों से निकल के पंछियों ने
छेडा है सुंदर राग

सुबह हो गई है जग
उठ बिस्तर से तू अब जाग

बुला रही है कर्म भूमि तुझे
कर सुर्यवंदना से मन विस्तार

कदम बढा तू है भारत का वासी
कर ले पूर्ण अपने तू सब काज

----- मिलाप सिंह भरमौरी

Tuesday, 28 October 2014

इश्क

Hindi shayari
@ @ @ @ @ @

इश्क नहीं हैं बंधन कोई
इश्क नहीं है गांठ

इश्क हो जाए पल दो पल में
लगे न अथक प्रयास

इश्क तो जोडे रूह को रूह से
इश्क तो है एहसास

------ मिलाप सिंह भरमौरी

Monday, 27 October 2014

लोकतंत्र है एक मात्र उपाय

लोकतंत्र है एक मात्र उपाय
दुनिया में खुशहाली लाने का

भुक्त रहे हैं खूब नतीजा
कुछ देश आतंक फैलाने का

मजहब नहीं है कोई बाधा
किसी मुल्ख की तरक्की में

वो तो पिसवा रहे हैं लोगों को
अपने स्वार्थ की चक्की में

वरना आकर देख लें वो
भारत में कितना अमनो चैन है

हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई
इसके बाशिंदे बौद्ध और जैन हैं

--------- मिलाप सिंह भरमौरी

Thursday, 16 October 2014

बेचारा मुशर्रफ !

पता नहीं कब पड जाए
गले में उसके फंदा
राजद्रोह का घोर
उस पर चल रहा मुकदमा

क्या करे बेचारा
संविधान तो देगा उसे झुला
इसलिए कश्मीर कश्मीर अलाप के
आतंकवादियो को रहा रिझा

इसकी बात का बुरा न मानना भाइयो
ऐसी परिस्थिति में
ऐसी ही हालत हो जाती है
सही गलत कहां पता चलता है
बुद्धि अक्सर खो जाती है

------- मिलाप सिंह भरमौरी

Sunday, 12 October 2014

सुपरपावर का ऐलान


दुनिया को इक बार फिर
हैरान कर दिया
हुदहुद को हराकर
कमाल कर दिया ।

तुफान आने से पहले ही
लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाकर
विकसित देशों को भी भारत ने
मात कर गया।

कश्मीर की आकस्मिक बाढ
कुछ न सकी बिगाड
अपना लोहा मना कर जवानों ने
भारत का ऊंचा नाम कर दिया ।

मंगलयान की कामयाबी
अभी नहीं हैं दुनिया भूली
भगाकर सरहद से ड्रेगनो को
सुपरपावर होने का ऐलान कर दिया ।

------ मिलाप सिंह भरमौरी

Saturday, 11 October 2014

गम के आंसुओं को


गम के आंसुओं को हम पी न सकेगें
दिल के टुकडों को हम सी न सकेगें
जाते हुए को पीछे से रोकना नहीं अच्छा
पर जाने के बाद आपके हम जी न सकेगें

------ मिलाप सिंह भरमौरी

हुदहुद


रहम करना तू सब पर
तू कुछ भी कर सकता है

पता है तू ही हुदहुद का
रास्ता बदल सकता है

संभाल लेना तू सब कुछ
खेत खलिहान बन रक्षक

तुझे पता है कैसे मुझ जैसे
गरीब का घर बनता है

----- मिलाप सिंह भरमौरी

Friday, 10 October 2014

करवाचौथ मुबारक


करवाचौथ की रात शीतल प्यारी
पूरे करना सबके सपने सुनहरी

तू चांद में उनका चेहरा दिखाना
सीमा पर हैं जिनके पति प्रहरी

सुन मन मुटाव तू सबके मिटाना
करना प्रेम भावना ओर भी गहरी

सदा सुहागन का उनको वर देना
भूखी प्यासी हैं जो तेरे दिनभर ठहरी

-------- मिलाप सिंह भरमौरी

Wednesday, 8 October 2014

Aar paar ki


छोड के रोज की ठक ठक ठक ठक
बस एक बार की हो जाए
बहुत हो गई छिटपुट छिटपुट
अब आर पार की हो जाए

बहुत कठिन है पलायन करना
बेवजह ही पल पल मरना
उनके लहजे में उनकी ही भाषा में
अब खार खार सी हो जाए

बहुत हो गई हाथ मिलाई
गले से मिलना भी बहुत हुआ
काफिर के इन रिश्तों से
अब तार तार की हो जाए

बहुत दिनों तक जुदा रह लिए
अपने वतन के लोगों से
पाक से पोक की धरती को
भारत से मिलाव की हो जाए

------ मिलाप सिंह भरमौरी

वक्त आ गया

शम्मा को देख के तन जाता है
सीना खुद परवाने का
कभी कभी तो मिलता है मौका
हिम्मत और जोश दिखाने का

भगत सिंह है हर हिन्दोस्तानी
हर जन में है शेखर वीर सुभाष
पुण्य वक्त आ गया है
अब दुश्मन की ईंट से ईंट बजाने का

बहुत हो गई शांति की बातें
अब रुद्र रूप दिखाना होगा
घुटनों के नीचे लेकर गर्दन
अब मौका है उसको धूल चटाने का

जो खोया है वतन का टुकडा
जो ओरो के है अब अधीन
अब वक्त आ गया है उसमें भी
तीन रंगी परचम लहराने का

--------- मिलाप सिंह भरमौरी

Wednesday, 24 September 2014

सुपरपावर


अब इसमें नहीं दो राय कोई
अंतरिक्ष में कौन है सुपरपावर
भारत का ही सिक्का चलने वाला है
हो जमीन आकाश या फिर सागर

तू भारत का निवासी है
नहीं दुनिया में है कोई तेरे बराबर
भुजाओं में तेरी है श्रम की फडक
सिने में है तेरे हिम्मत का सागर

अदभुत है तेरी सहनशीलता
बडा अनोखा है भाईचारा नागर
तू विश्वगुरु था आगे भी रहेगा
ज्ञान मांगेगा यहां फिर विश्व आकर

------- मिलाप सिंह भरमौरी

Monday, 8 September 2014

Yadon ki khoosbu


तेरी यादों की खुशबू
दिल को मेरे महका जाती है

देखो किस्मत प्यार की वर्षा
बिन बादल भी बरसा जाती है

बेशक तेरी आस नहीं है
तू मेरे अब पास नहीं है

पर कभी कभी शाम को हिचकी
एहसास तेरा दिला जाती है

- - - - - - मिलाप सिंह भरमौरी

Sunday, 7 September 2014

बायोमेट्रिक अटेंडेंस

बायोमेट्रिक अटेंडेंस
@@@@@@@@@

हिमाचल के टीचरों में
अजीब सा इक डर पल रहा है
क्योंकि
सरकारी स्कूलों में
अटेंडेंस के लिए
बायोमेट्रिक मशीन की खरीद पर
काम चल रहा है

सरकारी स्कूलों की
शिक्षा की गुणवत्ता में
अब सुधार होने वाला है
गरीबों के लिए सचमुच
इक बडा उपकार होने वाला है

जोर लगा कर रुकवाने में
जुट गए हैं सब टीचर संगठन
कहीं हो न जाए
इन मशीनों का उद्घाटन

कैसे कर पाएंगे फिर
घर का काम
साइड बिजनेस पर
लग जाएगा पूर्ण विराम

प्राईवेट स्कूलों की भी
इससे इनकम कम हो जाएगी
गरीब जनता को सरकारी में ही
अच्छी शिक्षा मिल जाएगी

डर क्यों रहे हैं टीचर
इन मशीनों से
क्या ड्यूटी पर आ ही
नहीं रहे थे वो इतने दिनों से

देश की बदहाली के लिए
हम कहते रहते हैं
इसकी और उसकी जिम्मेदारी है
शायद देश की लुटिया डुबाने में
हम सब की समान भागीदारी है

    ------ मिलाप सिंह भरमौरी

Saturday, 30 August 2014

दिल मत सोच


Hindi shayari
@ @ @ @ @ @ @

दिल तू  मत सोच  उसके बारे में
वो  नहीं है  मुक्कदर  तुम्हारे  में ।
अपने मन को भी कर तू काबू में
और न न कर हर  बार इशारे में।

------ मिलाप सिंह भरमौरी

Friday, 29 August 2014

मणिमहेश स्नान


सूरज जब उगता है
पर्वत के पीछे से
इक दिव्य मणी चमकती है
बर्फीले प्राकृतिक शिवलिंग से

धीरे धीरे यह दिव्य प्रकाश
आ जाता है झील के पास
धन्य हो जाते हैं भक्त
मिट जाते हैं सब पाप

भोले के जयकारों से
घाटी गुंजित हो जाती है
बम बम भोले कहती हुई
श्रद्धा झील में स्नान को जाती है

झील में डुबकी लगाते ही
सारे दुख धुल जाते हैं
भोले के दरवार के
सब द्वार खुल जाते हैं

-------- मिलाप सिंह भरमौरी

( मणिमहेश के बडे शाही स्नान की सभी भक्तों को हार्दिक बधाई।सर्वशक्तिमान भगवान शिव शंकर आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी करे । )

Tuesday, 5 August 2014

दिल की बगिया


दिल की इस बगिया को तुम
कभी कभी महका जाया करो न

सांझ सवेरे तकता रहता हूँ मैं
कभी तो छत पर आ जाया करो न

कैसी हो तुम, क्या खैर खबर है
मन सोच के यह घबरा जाता है

भोले से इस आशिक को तुम
इस उलझन में उलझाया करो न

------- मिलाप सिंह भरमौरी

Monday, 4 August 2014

Hava ka jhounka

कुछ खास खुशबू है हवा के झौंके में
छत पर  बैठे मैंने आज महसूस किया है  
लगता है तेरे गालों को छुआ है इसने    
तू भी ठहलती है छत पे रोज मैंने सुना है

----------- मिलाप सिंह भरमौरी

Sunday, 3 August 2014

रौशनी

जी  करता  है  कि  चुरा  लूं मैं
तेरे  गालों पर  प्यारी  सी जो  लाली है
पर  डरता हूँ  कि अंधेरा न हो जाए
इससे  ही  तो  जग में  रौशनी  फैली है

-------- मिलाप सिंह भरमौरी

Saturday, 2 August 2014

कितना असर

जन्नत सी लगने लगती है यह दुनिया
जब भी  सोचता हूँ मैं तुम्हारे बारे में

जुबान पर आ जाता है अचानक कई बार
पता नहीं क्या रखा है नाम तुम्हारे में

कितना असर होगा तेरी मौहब्बत में
सोचता हूँ तन्हा बैठकर मैं फुर्सत में

गर कबूल कर लो दोस्ती मेरी तुम तो
रौशनी हो जाए ओर ज्यादा मेरे सितारे में

      -------- मिलाप सिंह भरमौरी

Pyar me


Hindi shayari

अजीब आकर्षण होता है
इस प्यार में

नाम लिखते फिरते हैं
दरख्तों और दिवार में

घंटों पहले खडे हो जाते हैं
राह में आकर

क्या पता क्या दिखता है
उन्हें दिलदार में

---- मिलाप सिंह भरमौरी

Friday, 1 August 2014

Muskurahat


हम तो लुट जाते हैं
बस तेरी इक मुस्कुराहट से

बात कर लो तुम तो
पता नहीं क्या हो जाए

वैसे तो पता है कि
कितने पानी में है हम

पर तेरी उम्मीद में शायद
कुछ हासिल हो जाए

---- मिलाप सिंह भरमौरी

Saturday, 21 June 2014

दोहे के लक्षण

Nasha nash

Hindi shayari
@ @ @ @ @ @ @

मांगेंगे  भीख  गली  गली  तुम
या  बन  जाओगे  फिर  चोर  डकैत

हर  नशा  नाश  का  नाम है
हो  शराब  चरस  सिगरेट  या स्मैक

संभल  जा  दोस्त  है  वक्त अभी भी
कि  उज्जवलता  अभी  गई  नहीं

पर  देर  हो  गई  ज्यादा  तो  फिर
समझ  लो  यह  जीवन  हो  गया  ब्लैक

------- मिलाप सिंह भरमौरी

Thursday, 19 June 2014

Garmi ka mousam

बहती  नहीं  हवा  जरा  भी
झौंके  कहीं  पर  छुप  गए हैं

सूरज  जी हैं  अब  आग बबूले
क्रोध  से  इसके  यह  डर  गए हैं

झुला  रहे  हैं  हाथ  से  पंखा
दिवारों  में  सब  दुवक  गए  हैं

जमीन  कर  रही  त्राहि  -  त्राहि
बडे-  बडे  दरख्त  भी  झुलस  गए हैं

आसमान  है  साफ  खाली-  खाली
बादल  नहीं  कहीं  दिख  रहे  हैं

प्यास  के  मारे  यह  उडते  परिन्दे
धरती  पर  तडफ  के  गिर  रहे  हैं

विभत्स  कर  रहा  हर  दृश्य 'मिलाप'
बूढे  जीव -  जन्तु  मर  के  सड  रहे हैं

          ------ मिलाप सिंह भरमौरी

मनीमहेष

Hindi shayari
@ @ @ @ @ @

गर्मी  में सर्दी  का  एहसास  होता है      

क्या कहूँ इसके  बारे में  दोस्त मैं ओर      

बर्फ से  ढकी  चोटियां है  इसकी और    

मनीमहेष , शिव  की  भूमि  है भरमौर        

    ----- मिलाप सिंह भरमौरी

Saturday, 14 June 2014

खाला जी का बाडा

सूखे को गीला
गीले को सूखा करना पडता है
तब कहीं जाकर
आटे से फुलका बनता है

खून पसीने की मेहनत से
तन को तर करना पडता है
तब कहीं जाकर
मिट्टी से दाना निकलता है

पर इन बातों से
सिर्फ एक ही तबका बाकिफ है
अमीरों के लिए तो
सब कुछ खाला जी का बाडा लगता है

------ मिलाप सिंह भरमौरी

Thursday, 12 June 2014

हिमाचल प्यारा

कितना सुंदर
कितना प्यारा
महका- महका
न्यारा - न्यारा
सबसे अच्छा
हिमाचल प्यारा
शुध्दम शुद्धम
ठंडक ठंडक
दयार की छां में
जीवन धारा
सादा सादा
बुलंद इरादा
पर्वत की चोटी
स्वर्ग जहाँ का

---- मिलाप सिंह भरमौरी

Wednesday, 11 June 2014

Kullu hadsa

कुल्लू लापरवाही
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ट्रेन निकलती है
तो फाटक लगता है
रोड के चौराहे पर भी
एक बत्ती जलती है
पर इन आदमखोर
डैम की राह पर
सिर्फ लापरवाही बसती है

निगल गया देखो
देश के भविष्य को
नजरअंदाज कर रहे है
ये कब से खतरों को

आज का कार्पोरेशन
यह कैसा बिजनेस करता है
कम से कम में काम चलाओ
कोई मरता है तो मरता है

अरे बहुत खेले कुदरत से
अब कुछ तो वाज आओ
नंगी नदी किनारे कोई बाड लगाओ
या भर्ती करो लोगों को
या कोई सॉलिड सिग्नल सिस्टम लगाओ

----- मिलाप सिंह भरमौरी

( कुल्लू में व्यास नदी हादसे में मारे गए लोगों की आत्मा को भगवान शांति दें--बहुत ही दुखद घटना है यह )

Monday, 9 June 2014

वक्त हर पेच को ठीक कर देता है

वक्त हर पेच को ठीक कर देता है

जख्म गहरे से भी गहरे को भर देता है

जिसे मुंह दिया है रोटी भी होगी ही

जहां में हर कोई अपना गुजारा कर लेता है    

    ------ मिलाप सिंह भरमौरी          

Sunday, 8 June 2014

जिन्दगी

जिन्दगी सब्र में क्याम करती है      

जिन्दगी सबका एहतराम करती है      

इसके लिए अमीर-फकीर कुछ भी नहीं       

ये तो मुफलिसी में भी नाम करती है       
  

---- मिलाप सिंह भरमौरी

Wednesday, 4 June 2014

विश्व पर्यावरण दिवस

प्रकृति है भगवान की देन
न तू इंसान इसको छेड

वृक्ष लगा , जंगल को बचा
नहीं तो फिर हो जाएगी देर

पानी का सदुपयोग करो
पैट्रोल का न दुरुपयोग करो

साथ में जा , साइकिल को चला
देखा - देखी में न बन भेड

देशी खाद को खेत में डाल
सन के झोले है बडे कमाल

पोलीथीन हटा, कीटनाशक घटा
अगली नस्ल की तरक्की देख

    --- मिलाप सिंह भरमौरी

( विश्व पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ )

Monday, 2 June 2014

सूरज के तेवर

बरस रही है आग अम्बर से   

हवा के झोंके भी कहीं खो गए हैं    
                    
सूख गई है नदियां और नाले   

पशु पक्षी मौत की नींद सो रहे है    

जला दिए हैं घास-फूस सब    

सूरज के तेवर और उदण्ड हो रहे हैं

   --- मिलाप सिंह भरमौरी

Sunday, 1 June 2014

आम

फलों में आम की है सरदारी      

फल से गुठली तक है गुणकारी    

महक से इसकी लार टपक जाए       

हर इंसान के दिल पर है यह भारी        

     --- मिलाप सिंह भरमौरी

Wednesday, 30 April 2014

आदमी की तरह

आदमी की तरह है हर आदमी

इक दूजे से जुदा है पर आदमी

किसी के लिए है महल यहां पर

कोई है मगर यहां बेघर आदमी

~ milap singh bharmouri ~

Monday, 28 April 2014

ठंडा पानी

Hindi shayari
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तेरे दिऐ हुए जख्मों को मैं

सवर के धागे से सी लेता हूँ

फिर भी गर बडा गुस्सा आए

तो ठंडा पानी पी लेता हूँ

~ milap singh bharmouri ~

Sunday, 27 April 2014

इमानदारी

वाह रे इन्सान वाह, फितरत तुम्हारी !

सौ मन्नतो के बाद ली सरकारी ...!!

और जब आई बारी डियूटी की तो ..!

कहां खो गई तेरी इमानदारी............!!

Be honest, do best.

~milap singh bharmouri ~

Sunday, 23 March 2014

गऊ की कसम

Hindi shayari
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गऊ की झूठी कसम जो खाए!

वो सीधा इंसान नरक को जाए!!

दोजख, जन्नत झूठ नहीं  है!

हर मजहब में इसका वर्णन आए!!

~ milap singh bharmouri ~

Wednesday, 19 March 2014

प्राण - पखेरू

Hindi shayari
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यह प्राण पखेरू चुगना  चाहे

सुच्चे मोति उस सागर के!

जो चमक धमक, ताज तख्त

छोड चुका है निज मार्ग से!!

~ milap singh bharmouri ~

Thursday, 13 March 2014

Holi shayari

Holi shayari
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एक गाल पर
हरा रंग लगाता
दूजे को करता लाल!

चुनरी कुरती
भीगो देता सब
और उलझा देता बाल!!

मत मत
बस मत करती तुम
पर बस न करता मैं !

सोच
आज मैं तेरे साथ जो होता
क्या होता तेरा हाल!!

~ milap singh bharmouri ~

Holi mubarak

पाप की नदी

Hindi shayari
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अपनी पूँछ से गऊ माता!

पाप की नदिया पार कराए!!

अंत समय गऊ दान करे!

सीधा प्राणी स्वर्ग को जाए!!

~ milap singh bharmouri ~

बहारों में दिल

Hindi shayari
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चाहता क्या है यह
कुछ समझ नहीं आता!

बहारों में भी दिल
संवर नहीं पाता!!

आप कहते है
खुद को पहचानो 'मिलाप '!

मुझको मिट्टी के सिवा
कुछ नजर नहीं आता!!

~ milap singh bharmouri ~

लफ्ज हिन्दुस्तान

Hindi shayari
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सब धर्मो को इक बर्तन में जब!

इक दिव्य अलौकिक शक्ति ने मंथा होगा!!

विश्व स्वरूप तरल के तल पर फिर!

इक प्यारा -सा लफ्ज हिन्दुस्तान तरा होगा!!

~ milap singh bharmouri ~

कर्म के कारण

Hindi shayari
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कर्म के कारण जन्म हुआ है!

बस तू करता चल प्रयास ..!!

रुक जाना फिर अपयश होगा!

गर इक भी बाकि रही हो सांस!!

~ milap singh bharmouri ~

Wednesday, 12 March 2014

संयम

Hindi shayari
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संयम बनाए जीवन को!

और नशा कराए नाश ..!!

धरती को ही स्वर्ग बना दो!

अगर मिल न पाए आकाश ....!!

~ milap singh bharmouri ~

गऊ पूज्य है

Hindi shayari
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दिन सफल हो जाएगा!

अगर सुबह गाय को दर्शन होंगे!!

बिगडे काम बनेगें अगर!

रोज उसे आटे के पेडे अर्पण होगें!!

जीवन सफल हो जाएगा!

गर गऊ पूज्य है विचार हरपल होगें!!

~ milap singh bharmouri ~

हुस्न पर निखार

Hindi shayari
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तेरे हुस्न पर गजब का निखार आया है!

जैसे फिजा में मौसम -ए -बहार आया है!!

पहले मुस्कुराना और फिर शर्माना तेरा!

इस अदा पर तेरी मुझे ओर प्यार आया है!!

~milap singh bharmouri ~

Holi

होली
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छोड के आँख मिचोली

सीधी कर ले अपनी बोली

मार प्यार की पिचकारी

रंग दे कोरी उसकी चोली

तज लाज शर्म की सीमा

खेल खुल के आज तू होली

~ milap singh bharmouri ~

Tuesday, 11 March 2014

न रहगुजर

Hindi shayari
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न रहगुजर है न रहनुमा
जाने कहां चला हूँ मैं!

इतने गमों से भी टूट न पाया
न जाने किससे बना हूँ मैं!!

इक ओर है मेहरूमियां
इक ओर बरकते लाजबाव!

जिन्दगी है खाली -खाली
फिर भी गमो से भरा हूँ मैं!!

~ milap singh bharmouri ~

कब्र से सोना

Hindi shayari
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यह तो खुदा को पता होता है!

कि किसकी किस्मत में क्या होना निकले!!

मैं तो मिट्टी से बना हूँ ' मिलाप '!

उसकी कब्र से शायद सोना निकले .....!!

~ milap singh bharmouri ~

Friday, 7 March 2014

जीने के लिए

Hindi shayari
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क्या नहीं करता

इन्सान जीने के लिए!

फिर भी जीता है मगर

सिर्फ मरने के लिए!!

~ milap singh bharmouri ~

Thursday, 6 March 2014

शुभ -प्रभात

Hindi shayari
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तन में तन्दरुस्ती,

मन में स्फुर्ती!

घर में लक्षमी का हो आवास!!

हमारी ओर से,

सभी दोस्तो को!

तह -ए - दिल से शुभ -प्रभात!!

~ milap singh bharmouri ~

Wednesday, 5 March 2014

शराब की ओस

Hindi shayari
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जैसे गुलाब के फूल पर

शराब की ओस है ....!

देख के जमाल -ए -यार

दिल मेरा मदहोश है....!!

~ milap singh bharmouri ~

Tuesday, 4 March 2014

सुबह है आई

सूरज ने है अब ली अँगडाई!

देखो नभ पर लालिमा छाई!!

छोडो भी भाई कंबल, रजाई!

तुम बाहर देखो सुबह है आई!!

~milap singh bharmouri ~

तिडका हुआ सीशा

Hindi shayari
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तिडके हुए शीसे से बेहतर है
कि  टूटा हो!

चेहरा छोटा ही सही उसमे
पर पूरा हो!!

~ milap singh bharmouri ~

गरूर हो जाता है

Hindi shayari
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लाख सम्भल के रहे लेकिन!

फिर भी कसूर हो जाता है!!

यह दुनिया है यार दुनिया में!

सबको गरूर हो जाता है.....!!

~ milap singh bharmouri ~

Monday, 3 March 2014

कशमकश

Hindi shayari
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फिर उसी कशमकश
ने घेरा है!

फिर वही  आज
हाल मेरा है!

बेशक जमाना हुआ
तुमसे मिले हुए!

पर आज भी जहन में
ख्याल तेरा है!!!!!

~ milap singh bharmouri ~

Good - morning

सुबह लेकर आई है!

सूरज की नन्ही -सी किरण!!

सब जग से बोल रही है!

उठो जागो और गुड मोरनिन्ग!!

~ milap singh bharmouri ~

Sunday, 2 March 2014

दुनिया है साया

Hindi shayari
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दुनिया है फकत साया
उसके जमाल का!!

पाया है हुस्न उसने
या रव कमाल का!!

हम पीते है रोज उसकी
नजरो को देख कर!!

जुल्फें संवार रहे है वो
आईने को देख कर!!

~ milap singh bharmouri ~

नशे की लत


Hindi shayari
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बन -ठन के रोज निकलता था
जो बुलेट पर!

भीख मांगता मिलता है वो
अब फुटपाथों पर!!

बस नशे की लत ने उसकी
ऐसी हालत कर दी है!

वरना लकीरें तो नहीं थी ऐसी
उसके हाथों पर!!

~ milap singh bharmouri ~

Save trees

Save trees!
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इस पूरे शहर पर
राज था मेरा
जो आज पार्क में
मुझे देखते हो!

जन्म, मरण हो
या कोई भी उत्सव
मेरे ही तने को
काटते हो!

मुझको भी दर्द होता है
भाई
मुझ में भी प्राण
बसते है!

तुम चाहे जिससे
प्यार करो पर
अब मेरी क्यों खाल
उधेडते हो!!

~ milap singh bharmouri ~

जुल्फे संवार रहे है

Hindi shayari
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जुल्फें संवार रहे है वो!
'मिलाप ' आईने को देख कर!!

सच उन -सा नहीं है कोई!
हम आए है जमाने को देखकर!!

~ milap singh bharmouri ~

Friday, 28 February 2014

बेबफा है वो

बेबफा है वो
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बेबफा है वो हम क्या करें!
कैसे चाहत को रुस्वा करें!!

हमने की है मौहाबत 'मिलाप '!
उनकी मर्जी है वो क्या करे!!

~ milap singh bharmouri ~

हालात के गुलाम

हालात के गुलाम
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बिन तेरी मर्जी के किधर जाऐंगे!
कदम उठाया भी तो बिखर जाऐंगे!!
हम हालात के गुलाम है 'मिलाप '
जिधर कहेगा  उधर चले  जाऐंगे!!

~milap singh bharmouri ~

टूटा दिल

टूटा हुआ दिल
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ले  उठा  फैंक दे
अब दिल को  मेरे!

यह टूटा  हुआ मेरे
किस काम का!!

अब इजाफा  ही करेगा
दर्द में   मेरे!

यह टूटा  हुआ मेरे
किस काम का!!

~ milap singh bharmouri ~

Thursday, 27 February 2014

गौ दुर्दशा

गऊ -दुर्दशा
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आधुनिकता  का दौर यह
आज हमारे  धर्म पर
असर डाल रहा  है।

समाज का इक बडा  वर्ग
सिर्फ दूध के  लिए ही
गाय पाल रहा  है।

जब तक दूध देती है
पूरी  सेवा  होती  है।

जब हो  जाती  है
बूडी या  बांझ
कर देता  है 
उसे नजर अंदाज ।

छोड देता  है  उसको  लावारिस
फिर बुरी  होती  है  उसकी  हालत
गौ को  मां कहने  वालो
आर्य सन्तानो,  बुद्धिमानो ।

कुछ तो मां पर रहम करो
गऊ माता  को  संरक्षण दो
धर्म पर उपकार करो ।

~ milap singh bharmouri ~

Wednesday, 26 February 2014

Shiv - ratri

Shiv - ratri
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शिवा  ने  खोली 
अपनी  झोली
साँप बिच्छू 
सब छोड दिए!!

सर्दी  रानी  भी
बूडी  हुई अब
नाज - नखरे  सब
बेजोड हुए!!

शिवा  के  रंग में
रंगे  हुए है
आज सारे  देवालय
जग के!!

लंगर,  घोटे
और जगराते  से
आज है  सारे
शिवालय चमके!!

भोले  की  धुन - सुन
खो  गई सुद -बुद
सम्सत प्राणी  है
विभोर हुए!!

~ milap singh bharmouri ~

Tuesday, 25 February 2014

Shubh shiv ratri

शुभ - शिव - रात्री

पीस ले घोटा!
बना ले डोले!!

मेहर करेगें!
सब पर भोले!!

मस्ती में झूमों!
मस्ती में गाओ!!

जोर से बोलो!
बम, बम, भोले!!

Shiv -ratri ki Sabhi doston ko
Hamari taraf se hardik mangal -kamana ....

~ milap singh bharmouri ~

भाईचारा

Hindi shayari
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एक ही मजहब के है सब उनके!
फिर भी रहता है वहां सदा खिलारा!!
कितने ही मजहब के लोग यहां है!
फिर भी अद्भुत है अपना भाईचारा!!

~ milap singh bharmouri ~

ईद और दिवाली

Hindi shayari
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मिलकर इक - दूजे के संग!
जब हम ईद -ओ - दिवाली मनाते है!!
दुनिया के कितने ही मुल्ख!
यह देख कर हमसे फिर जल जाते है!!

~ milap singh bharmouri ~

शराब और दवा

Hindi shayari
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कहते है शराब जिसको!
शायद वो दवा भी है!!
लेकिन यह इश्क यारो!
हर दम बला ही है!!!!!!!!

~ milap singh bharmouri ~

धडकन

Hindi shayari
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मेरी आँखो में तेरा चेहरा है!
मेरे कानों में तेरी बातें है!!

मेरे सीने में तेरी धडकन है!
मेरी जिंन्दगी में तेरी यादें है!!

~ milap singh bharmouri ~